जाने काहे बदरा घिर आए
बीती सारी यादें वो ले आए
मेरी वीणा सूनी तारें इसकी ढीली
बिना सुर के जिया अकुलाए
आसमान के तारे कहाँ छिप गए सारे
बाती दिल की जले बुझ जाए
कैसे भेजूँ पाती लिख भी न पाती
अखियों ने मोती हैं बरसाए
@मीना गुलियानी
बीती सारी यादें वो ले आए
मेरी वीणा सूनी तारें इसकी ढीली
बिना सुर के जिया अकुलाए
आसमान के तारे कहाँ छिप गए सारे
बाती दिल की जले बुझ जाए
कैसे भेजूँ पाती लिख भी न पाती
अखियों ने मोती हैं बरसाए
@मीना गुलियानी
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