मैं तो सिर्फ एक एहसास हूँ
तुम मुझे छू नहीं सकते
तुम मुझे महसूस करो
मैं तुमसे दूर नहीं हूँ
तुम्हारे आसपास ही हूँ
सुबह की धूप में हूँ
सुरमई शाम में हूँ
बारिश की बूंदों में हूँ
तुम्हारी नींद में हूँ
तुम्हारी जागृति में हूँ
तुम्हारे ख्वाबों में हूँ
हवा के झोंकों में हूँ
फूलों की खुशबु में हूँ
तुम सिर्फ अपनी आँखें बंद
करके अन्तर्मन में देखो
तुम्हारी ही आत्मा हूँ
तुम्हारे ही भीतर हूँ
तुम्हारे अचेतन मन में
सदा से समाई हूँ पर
दिखाई नहीं देती
मुझे पहचानो और सिर्फ
मुझे महसूस करो
@मीना गुलियानी
तुम मुझे छू नहीं सकते
तुम मुझे महसूस करो
मैं तुमसे दूर नहीं हूँ
तुम्हारे आसपास ही हूँ
सुबह की धूप में हूँ
सुरमई शाम में हूँ
बारिश की बूंदों में हूँ
तुम्हारी नींद में हूँ
तुम्हारी जागृति में हूँ
तुम्हारे ख्वाबों में हूँ
हवा के झोंकों में हूँ
फूलों की खुशबु में हूँ
तुम सिर्फ अपनी आँखें बंद
करके अन्तर्मन में देखो
तुम्हारी ही आत्मा हूँ
तुम्हारे ही भीतर हूँ
तुम्हारे अचेतन मन में
सदा से समाई हूँ पर
दिखाई नहीं देती
मुझे पहचानो और सिर्फ
मुझे महसूस करो
@मीना गुलियानी
बहुत सुंदर आध्यात्मिक से भाव लिये उत्कृष्ट रचना
जवाब देंहटाएंbhgvan ka acha vrnn hai-ashok
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