रेल की पटरियों के बीचों बीच
कोई अपनी धुन में जा रहा था
कानों में हैडफोन लगाए हुए था
गाने वो सुनता चला जा रहा था
इतने में गाड़ी ने सीटी बजाई
पर उसके दोनों ही कान बंद थे
फिर भला उसे सुनाई कैसे देता
न ही जान की परवाह थी उसको
लगता था जैसे कोई दीवाना
या किसी शमा का परवाना
रेल की पटरियों पर इंजन
धड़धड़ाता समीप आ रहा था
पटरियाँ भी थर्राने लगी थीं
वो दीवाना मौत को दावत
दिए चला ही जा रहा था
अकस्मात मैंने उसे पटरी से
दूर धकेला वो पटरी पार गिरा
गाड़ी धड़धड़ाती हुई निकल गई
मैंने भी चैन की साँस ली और
ईश्वर को धन्यवाद किया वो
भयानक हादसा टल गया था
@मीना गुलियानी
कोई अपनी धुन में जा रहा था
कानों में हैडफोन लगाए हुए था
गाने वो सुनता चला जा रहा था
इतने में गाड़ी ने सीटी बजाई
पर उसके दोनों ही कान बंद थे
फिर भला उसे सुनाई कैसे देता
न ही जान की परवाह थी उसको
लगता था जैसे कोई दीवाना
या किसी शमा का परवाना
रेल की पटरियों पर इंजन
धड़धड़ाता समीप आ रहा था
पटरियाँ भी थर्राने लगी थीं
वो दीवाना मौत को दावत
दिए चला ही जा रहा था
अकस्मात मैंने उसे पटरी से
दूर धकेला वो पटरी पार गिरा
गाड़ी धड़धड़ाती हुई निकल गई
मैंने भी चैन की साँस ली और
ईश्वर को धन्यवाद किया वो
भयानक हादसा टल गया था
@मीना गुलियानी
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