वक्त हाथों से फिसल गया
दिल का ग़म भी पिघल गया
उसने चालें तो वैसे खूब चलीं
पर इस बार मैं संभल गया
अक्स आईने में मैंने जब देखा
खुद मेरा ही दिल मचल गया
जिंदगी गुज़री है यूँ अपनी
वक्त मुझे जैसे छल गया
आया ज़हन में जो तेरा ख्याल
बर्फ़ सा मैं वहीँ पे जम गया
आने लगा ऐतबार फिर तुझपे
मुझपे तेरा जादू सा चल गया
@मीना गुलियानी
दिल का ग़म भी पिघल गया
उसने चालें तो वैसे खूब चलीं
पर इस बार मैं संभल गया
अक्स आईने में मैंने जब देखा
खुद मेरा ही दिल मचल गया
जिंदगी गुज़री है यूँ अपनी
वक्त मुझे जैसे छल गया
आया ज़हन में जो तेरा ख्याल
बर्फ़ सा मैं वहीँ पे जम गया
आने लगा ऐतबार फिर तुझपे
मुझपे तेरा जादू सा चल गया
@मीना गुलियानी
ख़ुद पे दिल मचल जाए तो बात ही क्या ...
जवाब देंहटाएंसभी शेर लाजवाब ...