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गुरुवार, 15 दिसंबर 2016

हर पल को सुहाना बनाओ

तुम अपनी आँख में आंसू न अब भर लाना

दर्द को भी कहदो मेरे करीब अब मत आना

अब तो तुम केवल खुश रहना थोड़ा मुस्कुराना

कोई प्यार भरा नग़मा धीरे से तुम गुनगुनाना

जीवन का काम है चंचल लहरो  की तरह बहना

समय कहाँ ठहरता उसे धारा पर नाव सा चलना

चाहे जीवन में पतझड़ आये या बसन्त फूल खिलाये

सूरज की तपिश कभी सही न जाए कभी मन को भाए

तेरे फूल से नाजुक होंठो की हँसी कभी कोई न चुराए

हमेशा मुस्कुराते रहो  खुश रहो कुछ अच्छे गीत गाओ

खुशियाँ जीवन में बिखेरो हर पल को सुहाना बनाओ
@मीना गुलियानी


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