सुख और दुःख दोनों का ही
जीवन में जन्म भर का नाता है
सुख को तो सभी अपनाते हैं
पर दुःख न किसी को भाता है
सुख तो केवल दो पल का साथी है
दुःख से है जीवन भर का नाता
सुख के पल को भी जियो जब
दुःख के संग भी तुम जी लो
तब न तुम्हें ईर्ष्या होगी किसी
अपने के सुखमय जीवन से
न कभी निराशा होगी दुखमय
अपने जीवन के विष पीने से
जीवन का रथ चलता हर पल
तुम पर ही निर्भर करता है
तुम चाहो यदि जीवन सुखमय हो
तो मन की कटुता को भूलो और
भूलो अवसाद के हर क्षण को
हर दुःख के विष को पी लो
जगादो अन्तस् की वेदना तुम
फिर संवेदना उभरेगी दुःख से
उभर पाओगे तुम दुःख भूल जाओगे
फिर तुम सुख के जनक बन जाओगे
@मीना गुलियानी
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