तेरा पल छिन बीता जाए
काहे प्रभु नाम न गाए
मनमन्दिर के पट तुम खोलो
मुख से अपने हरि हरि बोलो
कोई स्वांस न खाली जाए
दुनिया ये दो दिन का मेला
उड़ जाएगा हँस अकेला
तन मन तेरे साथ न जाए
मुसाफिरी जब पूरी होगी
चलने की मजबूरी होगी
खाली करनी पड़ेगी सराय
हरि पूजा में ध्यान लगा ले
भक्ति सुधा रस को तू पा ले
अंत ,में काम ये तेरे आये
@मीना गुलियानी
काहे प्रभु नाम न गाए
मनमन्दिर के पट तुम खोलो
मुख से अपने हरि हरि बोलो
कोई स्वांस न खाली जाए
दुनिया ये दो दिन का मेला
उड़ जाएगा हँस अकेला
तन मन तेरे साथ न जाए
मुसाफिरी जब पूरी होगी
चलने की मजबूरी होगी
खाली करनी पड़ेगी सराय
हरि पूजा में ध्यान लगा ले
भक्ति सुधा रस को तू पा ले
अंत ,में काम ये तेरे आये
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