दिल में बसा है मेरे अब तू कण कण में स्पन्दन है
रोम रोम तेरा नाम पुकारे तू ही तो अन्तर्मन में है
तुझसे ही तो संगीत है मेरा तू ही मेरी सरगम है
सांसों में तू ही समाया तू ही दिल की धड़कन है
मन की भावना में तू बसा है तुझको मेरा वन्दन है
अस्ताचल की किरणों में तू लहरों में तेरा गान बसा
मन उपवन का फूल भी तू है तुझसे ये संसार बसा
हर रचना से तू मुझे प्यारा तू ही तो मेरा दर्पण है
मेरी इच्छा को तू जाने क्या चाहूँ मैं इसके सिवा
दिल तेरा ही दर्शन मांगे कुछ न मांगू इसके सिवा
नज़रों में तू ही समाया तुझसे मेरा जग रोशन है
@मीना गुलियानी
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