मेरे मन में पिया जी समाये गयो रे
@मीना गुलियानी
कि मैं अपनी तो सुध बुध गंवा बैठी
आये आहट तो देखूं वो आये गयो रे
मैं तो पलकों में उसको समा बैठी
नित आने की बाट संजोती हूँ मैं
मेरे आँगन की खोले किवड़िया
जाने कब आयेंगे पिया जी मोरे
अपने बालों में गजरा सजा बैठी
किस गाँव गए हैं सांवरिया मोरे
रूप उनका मेरे मन को भाया
नैनो को मूँद लूँ तो दर्शन करूँ
अपने दिल में उसे मैं बसा बैठी
उसकी खुशबु लिए पुरवईया चली
मेरा आँचल भी उसने उड़ाया
छाई बदरी भी काली बरसने लगी
झट आँचल में मुखड़ा छिपा बैठी
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