गर हकीकत में पूरे सारे ख़्वाब होते
सोचो फिर क्या कयामत होती
किसी के दिल में क्या है
ये तो ईश्वर ही जानता है
गर दिल सारे बेनकाब होते
सोचो फिर क्या कयामत होती
रहना खामोश हमारी भी आदत है
इसी वजह से सबसे निभाया है
गर हर बात के जवाब होते
सोचो फिर क्या कयामत होती
लोगों ने हमेशा हमको बुरा जाना
जहाँ से गुज़रे समझा इक दीवाना
गर सच में हम खराब ही होते
सोचो फिर क्या कयामत होती
@मीना गुलियानी
सोचो फिर क्या कयामत होती
किसी के दिल में क्या है
ये तो ईश्वर ही जानता है
गर दिल सारे बेनकाब होते
सोचो फिर क्या कयामत होती
रहना खामोश हमारी भी आदत है
इसी वजह से सबसे निभाया है
गर हर बात के जवाब होते
सोचो फिर क्या कयामत होती
लोगों ने हमेशा हमको बुरा जाना
जहाँ से गुज़रे समझा इक दीवाना
गर सच में हम खराब ही होते
सोचो फिर क्या कयामत होती
बहुत सुन्दर
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