यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, 20 दिसंबर 2016

तेरी याद में ही ये शाम है

आके इक नज़र तू भी देख ले
तेरे सामने मेरा हाल है
तू जो मुड़के देखले इस कदर
मेरी जिंदगी का सवाल है

मेरे हमनशीं मेरी जिंदगी
है तुझसे ही दिल में रौशनी
तुझे कैसे दिल से जुदा करूँ
तुझसे जिंदगी बेमिसाल है

मेरे दिल में तू है समा गया
तू मेरे जहाँ में यूँ छा गया
तेरे आने से ये शमा जले
तेरे  जाने से तो बवाल है

न करो यूँ दूर नज़र से तुम
 हो न जाऊँ मैं दुनिया से गुम
तेरी यादों से हो सहर मेरी
तेरी याद में ही ये शाम है
@मीना गुलियानी 

3 टिप्‍पणियां: