सब कुछ छोड़कर चलने की आदत है
मौत को हँसकर गले लगाने की चाहत है
जिंदगी की मुश्किलें भी क्या टकरायेंगी
मुसीबतें सारी कतरा के निकल जायेंगी
हर पल मुस्कुराने की मुझे आदत है
परायों को भी अपना बनाने की चाहत है
दुनिया के दुःख समेटने की आदत है
अनन्त में विलीन होने की चाहत है
@मीना गुलियानी
मौत को हँसकर गले लगाने की चाहत है
जिंदगी की मुश्किलें भी क्या टकरायेंगी
मुसीबतें सारी कतरा के निकल जायेंगी
हर पल मुस्कुराने की मुझे आदत है
परायों को भी अपना बनाने की चाहत है
दुनिया के दुःख समेटने की आदत है
अनन्त में विलीन होने की चाहत है
@मीना गुलियानी
वाह!!मुस्कुराते रहिये।बहुत खूब!!
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना
जवाब देंहटाएंविलीन होने की चाहत है
जवाब देंहटाएंसब कुछ छोड़कर चलने की आदत है
मौत को हँसकर गले लगाने की चाहत है
1iHR cheej ko gair prmpragt dhng se krne ki aadt hai
जिंदगी की मुश्किलें भी क्या टकरायेंगी
मुसीबतें सारी कतरा के निकल जायेंगी
2 agr hm mushqilon se dre nhin,woh hmen prbhavit nhin kr paayengi
हर पल मुस्कुराने की मुझे आदत है
परायों को भी अपना बनाने की चाहत है
3 by smiling in the adversities,,everyone comes closer to us and people who are aliens,befriend you
दुनिया के दुःख समेटने की आदत है
अनन्त में विलीन होने की चाहत है
4To do the work for god who does not have the end-annt—one can enter the god as one has got no difference in personality