विदा के क्षण अजीब होते हैं
पलकों में अश्रु लरज़ आते हैं
बरबस आके बरस जाते हैं
आँखे दलहीज पर टिकी होती हैं
स्तब्ध वातावरण बोझिल करता है
एक सन्नाटा सा छा जाता है
फिर किसी की चीख पुकार
मर्म तक बेधकर चली जाती है
हृदय को लहु लुहान कर देती है
कोई स्नेहिल स्पर्श कंधे पर पाकर
मन के सब्र का बाँध टूट पड़ना
सिसकियों का घुटा घुटा स्वर आना
फिर किसी के कंधे पर सिर रखना
सारी पीड़ा उस कंधे पर उड़ेलना
और मन का बोझ हल्का करना
मन की हताशा को सांत्वना देना
फिर से आशा के सेतु बाँधना
जीवन यात्रा को पुनः आरम्भ करना
गया वक्त फिर हाथ में नहीं आता
विदा के क्षण भुलाने पड़ते हैं
कैसा भी हो जीवन जीना पड़ता है
@मीना गुलियानी
पलकों में अश्रु लरज़ आते हैं
बरबस आके बरस जाते हैं
आँखे दलहीज पर टिकी होती हैं
स्तब्ध वातावरण बोझिल करता है
एक सन्नाटा सा छा जाता है
फिर किसी की चीख पुकार
मर्म तक बेधकर चली जाती है
हृदय को लहु लुहान कर देती है
कोई स्नेहिल स्पर्श कंधे पर पाकर
मन के सब्र का बाँध टूट पड़ना
सिसकियों का घुटा घुटा स्वर आना
फिर किसी के कंधे पर सिर रखना
सारी पीड़ा उस कंधे पर उड़ेलना
और मन का बोझ हल्का करना
मन की हताशा को सांत्वना देना
फिर से आशा के सेतु बाँधना
जीवन यात्रा को पुनः आरम्भ करना
गया वक्त फिर हाथ में नहीं आता
विदा के क्षण भुलाने पड़ते हैं
कैसा भी हो जीवन जीना पड़ता है
@मीना गुलियानी
jio to aiseki jindgi nikhr uthey
जवाब देंहटाएंmro to aise ki maut bhi sihr uthey--colln.-only
Heart touching words.
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