जीवन में सुख दुःख के होते हैं पड़ाव
इनके दम से सबकी चलती है नाव
जिस तन लागे वही दर्द भी जाने
और कोई क्या जाने कहाँ है घाव
धूप में चलने पर अच्छी लगे छाँव
वरना कोई कैसे जाने इसका अभाव
कभी मिलती ख़ुशी कभी मिलते गम
इन पलों से भरी जीवन की किताब
@मीना गुलियानी
इनके दम से सबकी चलती है नाव
जिस तन लागे वही दर्द भी जाने
और कोई क्या जाने कहाँ है घाव
धूप में चलने पर अच्छी लगे छाँव
वरना कोई कैसे जाने इसका अभाव
कभी मिलती ख़ुशी कभी मिलते गम
इन पलों से भरी जीवन की किताब
@मीना गुलियानी
achi kvita-jivn jaisa ho hmen apna krtvy nibhate rehna hota hai
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