तेरी याद इस दिल से जाती नहीं है
कोई चीज़ भी मन को भाति नहीं है
तन्हा हुआ है सफर अब तो अपना
कोई हमसफ़र कोई साथी नहीं है
जहाँ पर भी देखूँ अँधेरा वहीँ है
रोशनी अब कहीं से आती नहीं है
क्या मर्ज़ है कोई दवा तो बताए
जिंदगी बिन तेरे मुझे भाती नहीं है
@मीना गुलियानी
कोई चीज़ भी मन को भाति नहीं है
तन्हा हुआ है सफर अब तो अपना
कोई हमसफ़र कोई साथी नहीं है
जहाँ पर भी देखूँ अँधेरा वहीँ है
रोशनी अब कहीं से आती नहीं है
क्या मर्ज़ है कोई दवा तो बताए
जिंदगी बिन तेरे मुझे भाती नहीं है
@मीना गुलियानी
बहुत सुंदर
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