कैसे करूँ तेरा अभिनन्दन
मेरे हृदय से निकली सांसे
बन जाती हैं काले बादल
कैसे तुझे बिठाऊँ मन में
नयनों से बहता अश्रुजल
कैसे करूँ मिलन की चाह
विरह टीस समाई मन में
दिखाऊँ कैसे जीवन की राह
मुझको है मृत्यु की चाह
@मीना गुलियानी
मेरे हृदय से निकली सांसे
बन जाती हैं काले बादल
कैसे तुझे बिठाऊँ मन में
नयनों से बहता अश्रुजल
कैसे करूँ मिलन की चाह
विरह टीस समाई मन में
दिखाऊँ कैसे जीवन की राह
मुझको है मृत्यु की चाह
@मीना गुलियानी
Jb jivn ho kthin
जवाब देंहटाएंTum vrdan bn kr aati ho
Kuch bhi nischit nhin is jg mein
Yhi hmey smjhaati ho
Bche hue sb kam kro poore
Phir virh na iuhara kuch kr payega
Mrtyunjy ka sahara le lo
Sb kuch bdl jayega--ashok