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रविवार, 11 फ़रवरी 2018

ताउम्र याद रह जाते हैं

कुछ रिश्ते ताउम्र याद रह जाते हैं
बिन बाँधे ही हमसे जुड़ जाते हैं

कुछ रिश्ते ऐसे भी होते हैं
जो ज़िगर में अटके रह जाते हैं

कुछ रिश्ते हकीकत नहीं बन पाते हैं
मगर सपनों में वो साथ निभाते हैं

कुछ रिश्ते अपने अरमान साथ लेकर
दिल में ही दफन हो जाते हैं

कुछ रिश्ते जिन्हें हम निभाते तो हैं
पर उनके हम हो नहीं पाते हैं
@मीना गुलियानी 

4 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार 13 फरवरी 2018 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. Vताउम्र याद रह जाते हैं
    kuch logon ko hm bahut chahte pr unke nhin ho pate hain
    कुछ रिश्ते अपने अरमान साथ लेकर
    दिल में ही दफन हो जाते हैं
    bnaya ho hmko ullu hmko
    unhen na hm bhool paate hain
    कुछ रिश्ते जिन्हें हम निभाते तो हैं
    पर उनके हम हो नहीं पाते हैं

    1 krta mdd jo bure waqt mein jo कुछ vh रिश्ते ताउम्र याद रह जाते हैं
    बिन बाँधे ही हमसे जुड़ जाते हैं
    2 kuch log bahut ache hotey hain
    hm chah kr bhi vaise nhin bn paate hain
    कुछ रिश्ते ऐसे भी होते हैं
    जो ज़िगर में अटके रह जाते हैं


    3 kuch log hain chate hmko bahut
    pr apne nhin bn patey hain
    कुछ रिश्ते हकीकत नहीं बन पाते हैं
    मगर सपनों में वो साथ निभाते हैं

    ashok

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  3. बहुत सटीक....
    रिश्ते कितनी ही तरह के होते हैं...कुछ रिश्ते याद बनकर ताउम्र साथ रहते हैं...
    बहुत सुन्दर...
    वाह!!!

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