सबको अपने अपने दायरे में ही काम करना होता है
दायरा कभी कभी सिमटता है तो कभी टूट जाता है
इसी दायरे मेँ ही अपना गुज़र बसर करना होता है
दायरे से हटकर काम करने पर झगड़े भी हो जाते हैं
कई तरह के सवालात उठते हैं बवण्डर हो जाता है
@मीना गुलियानी
दायरा कभी कभी सिमटता है तो कभी टूट जाता है
इसी दायरे मेँ ही अपना गुज़र बसर करना होता है
दायरे से हटकर काम करने पर झगड़े भी हो जाते हैं
कई तरह के सवालात उठते हैं बवण्डर हो जाता है
@मीना गुलियानी
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