जीवन के इस मोड़ पर
वृद्धजनों को प्रेम स्नेह की
आकांक्षा है और कुछ नहीं
अपना सारा जीवन वो
संतान की परवरिश पर
गुज़ार देते हैं पर उनके
वृद्ध होने पर वही बच्चे
क्यों उन्हें ठुकराते हैं
उनका ध्यान नहीं रखते
जिसकी उन्हें जरूरत है
@मीना गुलियानी
वृद्धजनों को प्रेम स्नेह की
आकांक्षा है और कुछ नहीं
अपना सारा जीवन वो
संतान की परवरिश पर
गुज़ार देते हैं पर उनके
वृद्ध होने पर वही बच्चे
क्यों उन्हें ठुकराते हैं
उनका ध्यान नहीं रखते
जिसकी उन्हें जरूरत है
@मीना गुलियानी
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