जरा सोचो
संसार दुखो का घर है
यह परिवर्तनशील है
सबका आना जाना लगा रहता है
हर तरफ महामारी का डर
सबके दिलों पर छाया है
केवल ईश्वर की शरण
उसका ध्यान ,सुमिरन ही
हमेँ महामारी के कोपभाजन
का शिकार होने से
बचा सकती है फिर देर क्यों
बुरे कर्मों को त्यागकर
अभी से अच्छे कर्म करो
घर में रहकर संयम योग
अपनाकर सुमिरन करो
@मीना गुलियानी
संसार दुखो का घर है
यह परिवर्तनशील है
सबका आना जाना लगा रहता है
हर तरफ महामारी का डर
सबके दिलों पर छाया है
केवल ईश्वर की शरण
उसका ध्यान ,सुमिरन ही
हमेँ महामारी के कोपभाजन
का शिकार होने से
बचा सकती है फिर देर क्यों
बुरे कर्मों को त्यागकर
अभी से अच्छे कर्म करो
घर में रहकर संयम योग
अपनाकर सुमिरन करो
@मीना गुलियानी
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