धीरे धीरे रात दबे पाँव आती है
आके मेरे सिरहाने बैठ जाती है
मेरे कानों में कुछ कह जाती है
अपनी आग़ोश में मुझे सुलाती है
मीठे मीठे सपने तेरे वो लाती है
@मीना गुलियानी
आके मेरे सिरहाने बैठ जाती है
मेरे कानों में कुछ कह जाती है
अपनी आग़ोश में मुझे सुलाती है
मीठे मीठे सपने तेरे वो लाती है
@मीना गुलियानी
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