Meena's Diary
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गुरुवार, 30 अप्रैल 2020
टूटे पत्तों का बिखर जाना
टूटे पत्तों का बिखर जाना
ज़मी की धूल में मिल जाना
नसीब क्या किसी ने न जाना
यही हकीकत यही अफसाना
@मीना गुलियानी
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