तुम्हारी याद आई शाम होते होते
बुझने लगा चिराग शाम होते होते
ग़म के दरवाजे भी खुलने लगे
तेज हवा का रुख होते होते
जाने कौन कैसे दिल में समाया
टूटे सब ख़्वाब पूरे होते होते
@मीना गुलियानी
बुझने लगा चिराग शाम होते होते
ग़म के दरवाजे भी खुलने लगे
तेज हवा का रुख होते होते
जाने कौन कैसे दिल में समाया
टूटे सब ख़्वाब पूरे होते होते
@मीना गुलियानी
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