दो किनारों की तरह
जिंदगी ये बहने लगी
कहानी एक कहने लगी
ऐसा न जाने क्यों हुआ
ये दिल टुकड़ों में बँटा
एक दूसरे से जुदा वो
अलग अलग चलते रहे
आँखों में सपने उनके
पलते रहे मचलते रहे
जाने कब फासले मिटेंगे
कब दो किनारे मिलेंगे
जिंदगी फिर मुस्कायेगी
गीत ये फिर गुनगुनायेगी
@मीना गुलियानी
जिंदगी ये बहने लगी
कहानी एक कहने लगी
ऐसा न जाने क्यों हुआ
ये दिल टुकड़ों में बँटा
एक दूसरे से जुदा वो
अलग अलग चलते रहे
आँखों में सपने उनके
पलते रहे मचलते रहे
जाने कब फासले मिटेंगे
कब दो किनारे मिलेंगे
जिंदगी फिर मुस्कायेगी
गीत ये फिर गुनगुनायेगी
@मीना गुलियानी
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