जीवन में सुख दुःख के होते हैं पड़ाव
इनके दम से सबकी चलती है नाव
धूप में चलने पर अच्छी लगे छाँव
वर्ण कोई कैसे जाने इसका अभाव
कभी मिलती ख़ुशी कभी मिलते ग़म
इन पलों से भरी जीवन की किताब
@मीना गुलियानी
इनके दम से सबकी चलती है नाव
धूप में चलने पर अच्छी लगे छाँव
वर्ण कोई कैसे जाने इसका अभाव
कभी मिलती ख़ुशी कभी मिलते ग़म
इन पलों से भरी जीवन की किताब
@मीना गुलियानी
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