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रविवार, 2 अक्टूबर 2016

माता की भेंट ------17

मेरी मात आओ तुम बिन मेरा नही सहारा 
नैया भँवर में डोले सूझे नहीँ किनारा 

आ जाओ मेरी मैया आकर मुझे बचा लो 
डूबे न मेरी किश्ती करदो ज़रा इशारा 

तेरे सिवा  जहाँ में कोई नहीँ है मेरा 
आओ न देर करना तेरा ही है सहारा 

क्यों देर माँ करी  है मुश्किल में जां मेरी है 
विपदा को आज हर लो दे दो मुझे सहारा 

अब देर न लगाना मेरी मात जल्दी आना 
मुझको भी तार दे माँ लाखों को तूने तारा 
@मीना गुलियानी 

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