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रविवार, 23 अक्टूबर 2016

क्यों बेसहारे छोड़ चले

हमसफ़र आज साथ छोड़ चले
सारे रिश्ते वो आज तोड़ चले
कहते हैं भूल जाना तुम हमें
अब कभी याद न करना हमें
हमसे वो अपना नाता तोड़ चले

दिल भला कैसे भूल पायेगा तुम्हें
करेगा याद हर पल सताएगा हमें
ज़ख्म दिल के देख कैसे पाओगे
किस तरह वादों को निभाओगे
तुम तो अपने मुँह को फेर चले

कोई तो इसकी वजह रही होगी
शायद कुछ  प्यार में कमी होगी
बातों बातों में ऐसा क्या हो गया
क्यों तू मुझसे यूँ खफा हो गया
हमको क्यों बेसहारे छोड़ चले
@मीना गुलियानी 

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