आ जाना मेरे द्वार ओ साजन आ जाना
अपना लुटाना प्यार झलक दिखला जाना
कबसे हैं मेरे नैना प्यासे
दर्श तेरे बिन कल नहीँ पाते
सुनके मेरी पुकार मेरे घर आ जाना
कबसे साजन तुझको पुकारूँ
घड़ी घड़ी मैं रास्ता निहारूँ
आ जाना इक बार न मुझको तरसाना
भर भर आये मोरे नैना
कबहुँ न पाए इक पल चैना
थक गई पंथ निहार तू अब तो आ जाना
@मीना गुलियानी
अपना लुटाना प्यार झलक दिखला जाना
कबसे हैं मेरे नैना प्यासे
दर्श तेरे बिन कल नहीँ पाते
सुनके मेरी पुकार मेरे घर आ जाना
कबसे साजन तुझको पुकारूँ
घड़ी घड़ी मैं रास्ता निहारूँ
आ जाना इक बार न मुझको तरसाना
भर भर आये मोरे नैना
कबहुँ न पाए इक पल चैना
थक गई पंथ निहार तू अब तो आ जाना
@मीना गुलियानी
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