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शनिवार, 15 अक्टूबर 2016

मैं तो दिल हारा हूँ

तू मेरा सहारा है मैं तेरा सहारा हूँ
चुपचाप न यूँ बैठो मैं तो दिल हारा हूँ

नदिया की जो धारा है उसका भी किनारा है
पर मेरे इरादों को न सूझे किनारा है
तू साथ अगर चलदे मंझधार किनारा है

जीवन ये फानी है दो दिन की कहानी है
आशा के ये दो पल यूँ ही उम्र बितानी है
सुख दुःख में तेरे संग पा  जाता किनारा हूँ
@मीना गुलियानी 

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