यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, 10 अक्तूबर 2016

तुझे हम भूल न पाते हैं

आजा  बिछुड़े हुए मेरे मीत
तुझे हम भूल न पाते हैं
आजा तेरी मेरी है प्रीत
तुझे हम भूल न पाते हैं

चँचल पवन देखो बरसें नयन
 ओ पिया मेरे इक पल तो आ जा
धड़के है मन मेरा तड़पे है मन
ओ सजन इक झलक तो दिखा जा
इस घड़ी तो निभाओ प्रीत --------------तुझे हम भूल न पाते हैं

दरश दिखाजा इक पल तो आ जा
मनवा मेरा अब तो डोले
पागल पवन भी लगाए अगन
अब तो छम छम पायलिया न बोले
तू जो मिले तो जागे प्रीत -----------------तुझे हम भूल न पाते हैं

मन का मयूर भूला  थिरकना
कैसा है जादू ये तेरा
खोई है सुध बुध तन मन ने मेरी
जबसे हुआ दिल ये तेरा
दूटे डोर न आओ मन मीत ---------------तुझे हम भूल न पाते हैं
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें