आज मेरे सूनेपन को आँसुओं में तुम बहा दो
अपनी तमन्नाओं से तुम मेरा एकांत जगा दो
मेरी निराशा बढ़ने से पहले फूल आशा के बिखरा दो
मेरे दुःख भरे जीवन में तुम प्रेम सुधा छलका दो
अपने करुणाजल से मेरे जीवन को नहला दो
दिले नादां को फुरकत में तुम ज़रा बहला दो
मेरी अंतहीन वेदना पर तुम अपनापन बिखरा दो
मेरे प्राणों के कम्पन में खोकर अस्तित्व अपना भुला दो
@मीना गुलियानी
अपनी तमन्नाओं से तुम मेरा एकांत जगा दो
मेरी निराशा बढ़ने से पहले फूल आशा के बिखरा दो
मेरे दुःख भरे जीवन में तुम प्रेम सुधा छलका दो
अपने करुणाजल से मेरे जीवन को नहला दो
दिले नादां को फुरकत में तुम ज़रा बहला दो
मेरी अंतहीन वेदना पर तुम अपनापन बिखरा दो
मेरे प्राणों के कम्पन में खोकर अस्तित्व अपना भुला दो
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