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रविवार, 2 अक्टूबर 2016

माता की भेंट ----18

खोलो खोलो माँ द्वारे इक दुखिया पुकारे 
रो रो अरजा गुज़ारे तेरा दास माँ 
न जुदाई सही जाए साल सीने काहनू लाये 
आजा आजा मेरी माए तेरा दास हाँ 

तेरी मैनू याद सताए पलकां रो रो पकियां 
तू जिन्हा राहां तो आवें मैं विछावां अखियां 
दरश दिखादे शेरां वालिये ,मैंनू न भुलावीं 
मैं तां तेरे ही सहारे -----------------------------खोलो खोलो माँ द्वारे

अरमाना ते हंजुआ दी मैं भेंटा लेके आया 
सधरां ते चावां ने मेरी है बुआ खड़काया 
आस पुजादे मेहरां वालिये दिल दी प्यास बुझावीं 
मेरा दिल ऐहो पुकारे ---------------------------खोलो खोलो माँ द्वारे

ऐहो मेरी आस है माए दर्श सदा ही पावां 
बनके तेरा लाल मैं अम्बे तेरे ही गुण गावां 
विनती मेरी ऐहो गुफा वालिये मैंनू वी दिखावीं 
दाती ध्यानु वांग नज़ारे --------------------------खोलो खोलो माँ द्वारे
@मीना गुलियानी 

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