सजन तुम आना यमुना तीर
वहाँ पर हरना सबकी पीर
सारी सखियाँ तुम्हें बुलायें
कबसे बैठी आस लगाएं
तुमसे बात कहूँ गम्भीर
नहीँ अब चुप रह पाती हूँ
तुम्हें मैं सब बतलाती हूँ
सजन ले चलो मुझे उस तीर
मेरी सखियाँ हँसी उड़ाएँ
तुमको देख देख मुस्काएँ
मुझसे ये सब देखा न जाए
ले चलो संग तो आए धीर
सुनो तुम आज हमारी बात
हमारा व्याकुल हो गया गात
बिसरूं न तुमको मैं दिन रात
कहूँ मैं वचन ज्यों नाविक तीर
@मीना गुलियानी
वहाँ पर हरना सबकी पीर
सारी सखियाँ तुम्हें बुलायें
कबसे बैठी आस लगाएं
तुमसे बात कहूँ गम्भीर
नहीँ अब चुप रह पाती हूँ
तुम्हें मैं सब बतलाती हूँ
सजन ले चलो मुझे उस तीर
मेरी सखियाँ हँसी उड़ाएँ
तुमको देख देख मुस्काएँ
मुझसे ये सब देखा न जाए
ले चलो संग तो आए धीर
सुनो तुम आज हमारी बात
हमारा व्याकुल हो गया गात
बिसरूं न तुमको मैं दिन रात
कहूँ मैं वचन ज्यों नाविक तीर
@मीना गुलियानी
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