धीरे धीरे से चल तू ऐ ठण्डी बयार
कोई आया है
आके तू भी बरस जा घटा मेरे द्वार
कोई आया है
किसके आने से मैं मुस्कुराने लगी
कलियां बागों से चुन चुन के लाने लगी
मुझको करना है जी भरके उसका दीदार
कोई आया है ---------------------------
होठों पे गीत मेरे तो सजने लगे
चुपके चुपके से पाँव थिरकने लगे
पायलिया की छमछम मची मेरे द्वार
कोई आया है ------------------------------
पहले प्रीतम को थोड़ा सताऊँगी मैं
फिर प्रेम से उसको मनाऊंगी मैं
दिल पे मेरे तुम्हारा है अब इख़्तेयार
कोई आया है ------------------------------
@मीना गुलियानी
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