आओ प्रिय तुम पास बैठो मैं ज़रा दीदार करलूँ
कहीँ गुज़र जाएँ न लम्हें तुमसे मैं मनुहार करलूँ
वेदना के क्षण भुलाकर प्रेम को स्वीकार करलूँ
देह भले ही जर्जरित है आशा का संचार करलूँ
मन के हर कोने में दीप प्रज्वलित सत्कार करलूँ
पथिक तुम हो मैं विराम क्षणों पर अधिकार करलूँ
मन तो डूबा है मिलन की घड़ियों को साकार करलूँ
@मीना गुलियानी
कहीँ गुज़र जाएँ न लम्हें तुमसे मैं मनुहार करलूँ
वेदना के क्षण भुलाकर प्रेम को स्वीकार करलूँ
देह भले ही जर्जरित है आशा का संचार करलूँ
मन के हर कोने में दीप प्रज्वलित सत्कार करलूँ
पथिक तुम हो मैं विराम क्षणों पर अधिकार करलूँ
मन तो डूबा है मिलन की घड़ियों को साकार करलूँ
VERY VERY HEART TOUCHING LINES, THANK U MEENAJI
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