आजा माँ ----- ---जगदम्बे
मैं तो कबसे खड़ी तेरे द्वार
मईया आके सुनले पुकार
मैं तो मईया तेरी दासी , अखियाँ दर्शन की हैं प्यासी
दूर करो मेरे मन की उदासी
छाए हैं चारों ओर अँधेरे , दर्शन देकर कर दो सवेरे
मिट जाएँ माँ सब ग़म मेरे
तेरा दर्शन जब मैं पाऊँ , तन मन अपना भेंट चढ़ाऊँ
तेरी महिमा निशदिन गाऊं
तुम बिन मेरा कोई न दूजा , करूँ मैं निशदिन तेरी पूजा
तेरे सिवा न भाए दूजा
मईया जी हम बालक तेरे ,माया जाल के काटो घेरे
लख चौरासी के हैं फेरे
@मीना गुलियानी
वाह मीना जी बहुत सुन्दर माता की भेंट 🙏
जवाब देंहटाएंमाँ के चरणों मिएँ सुन्दर आरती है ...
जवाब देंहटाएंमाँ सबकी पुकार सुनती है ... आपके शब्दों में हमारी भी कृतग्य प्रार्थना है ...