चाँद सरगोशियाँ कर रहा है
जिंदगी मुस्कुराने लगी है
उसके नाज़ुक लबों पे फिर से
गुनगुनाहट सी आने लगी है
कैसा आलम नशीला है छाया
बन गया अपना जो था पराया
फिर से सजने लगे आज गुंचे
हर कली खिलखिलाने लगी है
उनके हाथों में मेहँदी लगी है
सुर्ख जोड़े में दुल्हन सजी है
पायल की खनक उनकी देखो
बोल मीठे सुनाने लगी है
उफ़ ये शर्माता नाज़ुक सा चेहरा
उसपे लहराती जुल्फ़ों का पहरा
उठती गिरती पलकों की चिलमन
क्या गज़ब दिल पे ढाने लगी है
@मीना गुलियानी
जिंदगी मुस्कुराने लगी है
उसके नाज़ुक लबों पे फिर से
गुनगुनाहट सी आने लगी है
कैसा आलम नशीला है छाया
बन गया अपना जो था पराया
फिर से सजने लगे आज गुंचे
हर कली खिलखिलाने लगी है
उनके हाथों में मेहँदी लगी है
सुर्ख जोड़े में दुल्हन सजी है
पायल की खनक उनकी देखो
बोल मीठे सुनाने लगी है
उफ़ ये शर्माता नाज़ुक सा चेहरा
उसपे लहराती जुल्फ़ों का पहरा
उठती गिरती पलकों की चिलमन
क्या गज़ब दिल पे ढाने लगी है
@मीना गुलियानी
बेहतरीन मीना जी
जवाब देंहटाएंWaah.... lajwab
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