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शनिवार, 13 अक्टूबर 2018

माता की भेंट -5 -राह निहारें बड़ी देर से

आ जा माँ मेरे नैन दीवाने तेरी ,
राह निहारें बड़ी देर से 

आजा मेरी मईया तुझे है पुकारा 
तेरे बिन जहाँ में है कौन हमारा 
देख ले आकर हाल तू मेरा 
राह निहारें बड़ी देर से 

माँ गम के भंवर में डूबी मेरी नैया 
माँ पार लगाओ तू ही तो खिवैया 
देर न करना मेरी मईया 
राह निहारें बड़ी देर से 

तूने हर दुखी को माँ धीर बंधाया 
बता तूने माता मुझे क्यों बिसराया 
मैं हूँ तेरे दर का भिखारी 
राह निहारें बड़ी देर से 

तुझे ही तो मईया अपना है माना 
हूँ सारे जहाँ से माता मैं बेगाना 
मैं तो मईया शरण तिहारी 
राह निहारें बड़ी देर से 
@मीना गुलियानी 



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