ओ ऊपर वाले सुनले अफसाना बेकसी का
तेरे सामने खड़ा हूँ हाथों को मैं फैलाए
भरदे तू झोली सबकी जो आस हैं लगाए
खाली न तू लौटाना दामन कभी किसी का
अफसाना सुन मेरा तू ऐ दो जहाँ के वाली
गिरतों को दे सहारा लौटाना न दर से खाली
मिले सबको ही सहारा तेरी ही बंदगी का
मतलब की सारी दुनिया मतलब के सारे नाते
दाता तू रहम करना जो भी दर पे तेरे आते
मंजिल पे ही लुटे न कभी कारवां किसी का
@मीना गुलियानी
तेरे सामने खड़ा हूँ हाथों को मैं फैलाए
भरदे तू झोली सबकी जो आस हैं लगाए
खाली न तू लौटाना दामन कभी किसी का
अफसाना सुन मेरा तू ऐ दो जहाँ के वाली
गिरतों को दे सहारा लौटाना न दर से खाली
मिले सबको ही सहारा तेरी ही बंदगी का
मतलब की सारी दुनिया मतलब के सारे नाते
दाता तू रहम करना जो भी दर पे तेरे आते
मंजिल पे ही लुटे न कभी कारवां किसी का
@मीना गुलियानी
बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण रचना 🙏
जवाब देंहटाएंBht hi sundar rachana hai
जवाब देंहटाएंGood Morning my ReSpected siS 😊🌷🙏