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बुधवार, 24 अक्टूबर 2018

आँगन ये जगमगा दिया

उठाके सर को नज़र मिलाके जीना तुमने सिखा दिया
लबों पे मेरी हँसी को फिर से तुमने आके जगा दिया

न होश खोये न पल गंवाए
कहीं भी कुछ भी न भूल पाए
ख्वाबों में आके मुझे जगाके
मुस्कुराना फिर सिखा दिया

हैं पल सुहाने तुम्हें जो पाया
दिल में हमने दिया जलाया
बुझा न पाएगी कोई आँधी
शमा को ऐसे जला दिया

पकड़ा जो तेरी वफ़ा का दामन
छुड़ाए कोई है किसमें दम
खुशियों भरी है दिवाली आई
आँगन ये जगमगा दिया
@मीना गुलियानी

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