मईया का खुला दरबार है
द्वारे जो आये बेड़ा पार है
करती मईया उद्धार है
दाती का भरा भंडार है
मांगी मुरादें सब पाते हैं
झोली को भर ले जाते हैं
महिमा उसकी अपार है
दाती का भरा भंडार है
न लौटा दर से कोई खाली है
मईया मेरी मेहरों वाली है
करती सभी से वो प्यार है
दाती का भरा भंडार है
मोहमाया जाल से छुड़ायेगी
बिगड़ी वो सबकी बनायेगी
चरणों में गंगा की धार है
दाती का भरा भंडार है
@मीना गुलियानी
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