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सोमवार, 22 अक्टूबर 2018

ऐतबार ज़रूरी है

जीने के लिए वजह का होना ज़रूरी है
दिल में थोड़ी जगह होना ज़रूरी है

चलो कहीं दूर चलें पर तेरा साथ ज़रूरी है
रात ढल चुकी अँधेरे में रोशनी ज़रूरी है

चलेंगे तो फांसले मिटेंगे घाव भरने ज़रूरी हैं
पहले दीवाने थे अब अजनबी होना ज़रूरी है

 दूरी के एहसास के लिए बिछुड़ना ज़रूरी है
प्यार होने पर एक दूसरे पे ऐतबार ज़रूरी है
@मीना गुलियानी 

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