यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, 1 अक्तूबर 2018

वो फिर से याद आने लगा है

तेरे आने का मुझे गुमां सा हुआ है
दिल का ये दिया न बुझने दिया है

नशा तेरे प्यार का आँखों में चढ़ा जो
सुरूर उसका हर पल बढ़ता रहा है

सुना है रात भर बरसा है  ये बादल
ये दिल फिर भी प्यासा ही रहा है

ये दिन अब तो ढलने लगा है
वो फिर से याद आने लगा है
@मीना गुलियानी 

4 टिप्‍पणियां: