तेरे आने का मुझे गुमां सा हुआ है
दिल का ये दिया न बुझने दिया है
नशा तेरे प्यार का आँखों में चढ़ा जो
सुरूर उसका हर पल बढ़ता रहा है
सुना है रात भर बरसा है ये बादल
ये दिल फिर भी प्यासा ही रहा है
ये दिन अब तो ढलने लगा है
वो फिर से याद आने लगा है
@मीना गुलियानी
दिल का ये दिया न बुझने दिया है
नशा तेरे प्यार का आँखों में चढ़ा जो
सुरूर उसका हर पल बढ़ता रहा है
सुना है रात भर बरसा है ये बादल
ये दिल फिर भी प्यासा ही रहा है
ये दिन अब तो ढलने लगा है
वो फिर से याद आने लगा है
@मीना गुलियानी
बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण रचना
जवाब देंहटाएंख़ूब
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना
जवाब देंहटाएंप्रेम की प्यास हो तो बरखा कहाँ मिटा पाती है ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना ...