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मंगलवार, 9 अक्टूबर 2018

माता की भेंट ---अज्ञान को मिटाओ

माता की भेंट


हे अम्बिके भवानी दर्शन मुझे दिखाओ
अन्धकार ने है घेरा ज्योति मुझे दिखाओ

मईया तेरे दर का मुझको तो इक सहारा
नैया भंवर में डोले सूझे नहीं किनारा
मंझधार से निकालो नैया मेरी बचाओ

लाखों को तूने तारा भव पार है उतारा
बतलाओ मेरी माता मुझको क्यों बिसारा 
बच्चा तेरा हूँ मईया मुझको गले लगाओ

सूनी हैं मेरी राहें आंसू भरी निगाहें
बोझिल हैं मेरी सांसे दुःख कैसे हम सुनाएं
गम आज सारे मेरे मईया तुम्हीं मिटाओ

तेरा नाम सुनके आया जग का हूँ माँ सताया
मुझको गले लगाओ तेरी शरण हूँ आया
रास्ते विकट हैं मईया अज्ञान को मिटाओ
@मीना गुलियानी 

3 टिप्‍पणियां:

  1. जय मात भवानी
    नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएं आपको और आपके परिवार को

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  2. माँ की इस भेंट में भक्ति का सार है ...
    माँ के प्रेम की पुकार है ... नव रात्रि को हार्दिक शुभकामनायें ....

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