यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, 16 अक्टूबर 2018

माता की भेंट -8 -रास्ता तू दिखा देना

मुझे आस तेरी मईया न निराश मुझे करना 
सब कष्ट हरो मेरे आँचल की छाँव करना 

मेरे मन के द्वारे में आ कर लो बसेरा माँ 
तेरी जोत जले मन में हो दूर अँधेरा माँ 
मैं आया शरण तेरी मुझे दर्श दिखा देना 

मेरी आस का बंधन कहीं टूट न जाए 
क्या सांस का भरोसा पल आये कि न आए 
मेरे नैन प्यासे हैं मेरी प्यास बुझा देना 

सब देख लिया जग में माँ कोई नहीं अपना 
सब झूठे नाते हैं जग सारा इक सपना 
मैं भटका राही हूँ रास्ता तू दिखा देना 
@मीना गुलियानी 

1 टिप्पणी: