आज कंगनवा मोरा खनके चलूँ मैं पिया की नगरिया रे
घुंघरू पायलिया के छनके चलूँ मैं पिया की नगरिया रे
आज सखी री कुछ न कहूँगी उनसे जियरा की बात
आँखों से ही वो सब पढ़ लेंगे मोरे मनवा की बात
दिल मेरा अभी से धड़के चलूँ मैं पिया की नगरिया रे
धरती पे सीधे पग न पड़े हैं झूमें सारा गात
ख़ुशी से मैं फूली न समाऊं दर्शन होंगे आज
देखूँगी उनको जी भरके चलूँ मैं पिया की नगरिया रे
ओ रे चंदा तू भी सुनले छुप जाना कहीं आज
तेरे सामने दिल मोरा डोले आती मोहे लाज
सर से चुनरिया भी सरके चलूँ मैं पिया की नगरिया रे
@मीना गुलियानी
घुंघरू पायलिया के छनके चलूँ मैं पिया की नगरिया रे
आज सखी री कुछ न कहूँगी उनसे जियरा की बात
आँखों से ही वो सब पढ़ लेंगे मोरे मनवा की बात
दिल मेरा अभी से धड़के चलूँ मैं पिया की नगरिया रे
धरती पे सीधे पग न पड़े हैं झूमें सारा गात
ख़ुशी से मैं फूली न समाऊं दर्शन होंगे आज
देखूँगी उनको जी भरके चलूँ मैं पिया की नगरिया रे
ओ रे चंदा तू भी सुनले छुप जाना कहीं आज
तेरे सामने दिल मोरा डोले आती मोहे लाज
सर से चुनरिया भी सरके चलूँ मैं पिया की नगरिया रे
@मीना गुलियानी
बहुत ही सुन्दर कृति...
जवाब देंहटाएंसुंदर और सरस!!!
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