अतीत की सुरंग से गुज़रते रहते हैं
कितने ग़म जिंदगी के भी सहते हैं
अतीत के पन्ने भी जुड़े ही रहते हैं
सारे एहसास हमारे साथ रहते हैं
लेकिन हम मुँह से कुछ न कहते हैं
@मीना गुलियानी
कितने ग़म जिंदगी के भी सहते हैं
अतीत के पन्ने भी जुड़े ही रहते हैं
सारे एहसास हमारे साथ रहते हैं
लेकिन हम मुँह से कुछ न कहते हैं
@मीना गुलियानी
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