कितने दिन हुए तुमको देखे हुए
हम तुम्हें देखने को तरस गए
फूल भी खिलने को तरस गए
बादल भी आँगन में बरस गए
नैना रिमझिम से बरस गए
अकुलाये जियरा पाए न चैना
निर्मोही सजना ढूँढे ये कँगना
दर्श दिखाओ प्रीतम अब आओ
काँपे हैं मोरे प्राण निकसे है जान
धीर बँधाओ मोहे आन बचाओ
@मीना गुलियानी
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