कितने दिन हुए तुमसे बिछुड़े हुए
ये विरही नैना भी व्याकुल हुए
निर्मोही तुमने क्यों नाता जोड़ा
तड़पने के लिए फिर क्यों छोड़ा
कैसी प्रीत की अगन ये लगाई
ओ रे बलम तू निकला हरजाई
@मीना गुलियानी
ये विरही नैना भी व्याकुल हुए
निर्मोही तुमने क्यों नाता जोड़ा
तड़पने के लिए फिर क्यों छोड़ा
कैसी प्रीत की अगन ये लगाई
ओ रे बलम तू निकला हरजाई
@मीना गुलियानी
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