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शनिवार, 9 मई 2020

दुनिया लुटाई है

दिल की कश्मकश और उलझनों में
उम्मीद की अपनी मैंने ढाल बनाई है

जिंदगी तुझसे आगे निकलने को
मैंने भी तो अपनी रफ़्तार बढ़ाई है

तुझसे खेलने में मज़ा आने लगा है
जीतने  के लिए हौंसला अफ़जाई है

ये लहरें तूफां क्यों टकराएँ मुझसे
मैंने वफ़ा के नाम दुनिया लुटाई है
@मीना गुलियानी

सेवानिवृत वरिष्ठ अनुदेशिका
ए -180 , जे डी ए  स्टाफ कॉलोनी
हल्दीघाटी मार्ग, जयपुर -302017
919828230273 

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